विभाग संपूर्ण सेचुरेशन प्लान तैयार करें-सीईओ जिला पंचायत
उज्जैन : दिसम्बर 20, 2025
उज्जैन. 19 दिसंबर। सीईओ जिला पंचायत श्री श्रेयांस कुमट ने बताया कि मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना के अंतर्गत उज्जैन जिले की जनपद पंचायत बड़नगर के ग्राम मकड़ावन, घट्टिया जनपद पंचायत के ग्राम नज़रपुर, खाचरौद जनपद पंचायत के ग्राम चापाखेड़ा, महिदपुर जनपद पंचायत के ग्राम मकला, तराना जनपद पंचायत के ग्राम कचनारिया और उज्जैन जनपद के ग्राम तालोद का अनुमोदन किया गया है।सीईओ जिला पंचायत ने इस संबंधत में समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभाग की योजनाओं का पांच वर्ष में संपूर्ण सेचुरेशन प्लान तैयार कर संबंधित सीईओ जनपद पंचायत को शीघ्र अतिशीघ्र उपलब्ध कराए और एक प्रति जिला पंचायत को भी प्रेषित करें।उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की अधिकांश आबादी ग्रामों में निवास करती है। प्रदेश के समय विकास के लिए ग्रार्मो का योजनाबद्ध विकास आवश्यक है। राज्य शासन के विभिन्न विभाग सामाजिक न्याय, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, ग्रामीण अधोसंरचना निर्माण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारु संचार व्यवस्था संबंधी विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन की अवधारणा है कि प्रदेश में कुछ ग्राम इस प्रकार विकसित किए जाए ताकि वे आत्मनिर्भर होकर प्रदेश के अन्य समस्त ग्रामों के लिए उदाहरण बर्ने तथा अन्य ग्राम इन चयनित ग्रामों से प्रेरित होकर स्वयं भी आत्मनिर्भरता और चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर हो। इन चयनित ग्रामों में विभिन्न विभागों के अन्य विकास कार्यों के साथ-साथ मुख्य रूप से गोवंशीय एवं अन्य दुधारू पशुओं के पालन, दुग्ध उत्पादन एवं डेयरी विकास पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।राज्य शासन ने ऐसे चयनित ग्रामों को, मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम का नाम देने एवं इन ग्रामों से संबंधित इस योजना को मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के रूप में क्रियान्यित करने का निर्णय लिया है। यह योजना एक ऐसे ग्राम की परिकल्पना करती है जहां स्वच्छता एवं हरियाली के साथ-साथ गौसेवा और आध्यात्मिकता से समन्वित आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रत्यक्षतः दृष्टिगोचर हो, जहां ग्राम “वृन्दावन के रूप में साकार हो सके।मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के उद्देश्य गौपालन एवं डेयरी विकास को बढ़ावा देना। ग्राम को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ सहकारिता के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय का प्रसार करना ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके । पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि, जल संरक्षण तथा सौर ऊर्जा संबंधी गतिविधियाँ को जनभागीदारी से क्रियान्वित करना, चारागाह विकास, ग्राम में अधोसंरचना विकास, ग्रामीण परिवारों का रोजगार/स्वरोजगार आधारित आर्थिक सुदृढ़ीकरण, ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोणों को अपनाते हुए सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना हैं। मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम के रूप में विधान सभा क्षेत्र से एक ऐसा ग्राम चयन किया जाए, जिसकी वर्तमान जनसंख्या न्यूनतम 2000 हो एवं गौवंश की न्यूनतम संख्या 500 हो। योजना अंतर्गत ग्रामों का चयन विधानसभा क्षेत्र स्तर पर कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री एवं विधायक से परामर्श कर किया जाए।” मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना में ग्राम के लिए विकास योजना बनाने के लिए जिला स्तर पर समिति होगी जो योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण का कार्य करेगी। चयनित ग्राम में उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाएंचयनित वृन्दावन ग्राम में विभिन्न विभागों के माध्यम से गौशाला, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी भवन, स्वास्थ्य केन्द्र स्कूल भवन, यात्री प्रतीक्षालय सोलर स्ट्रीट लाईट, पुस्तकालय, सर्व सुविधायुक्त आजीविका भवन/ग्रामीण आजीविका हेतु वर्कशेड, पशु चिकित्सालय याम तक कनेक्टिविटी, ग्राम के अंतर्गत आंतरिक सड़कें/नाली, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान गोडाउन, हर घर जल (सोलर ऊर्जा आधारित पंप के माध्यम से), ग्रामीण उद्योग आधारित आर्ट एण्ड क्राफ्ट सेंटर, बायागैस सयंत्र , शांतिधाम निर्माण, गौ-समाधि स्थल, सेग्रीगेशन शेड, जल निकासी के लिए नाली, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, ग्राम में विद्युत प्रवाह हेतु सौर उर्जा एवं गैर परम्परागत उर्जा क्षेत्र में विकास, पात्र परिवारों के लिये जलवायु अनुकूल अवास तथा (व्यक्तिगत शौचालय), सार्वजनिक उद्यान (पार्क), सार्वजनिक शौचालय, सिंचाई स्रोत, विकास एवं drip irrigation आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।इसके अलावा आजीविका संबंधी गतिविधियां जैसे नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, दुग्ध कलेक्शन सेंटर, लघु वनोपज, आधारित लघु उद्योग, कृषि/फल उपज आधारित उद्योग, ग्राम में उपलब्ध कौशल आधारित सेवाओं का विकास आदि, वाटर कंजर्वेशन संबंधी जल संचयन संरचनाएं, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, नलकूप रिचार्ज, इगवेल रिचार्ज, स्टॉप डेम/चेकडेम, तालाबों का संरक्षण आदि, पंचायत सशक्तिकरण संबंधी स्वयं की आय के स्रोत का विकास, ई-पंचायत / CSC आदि भी आयोजित की जाएंगी।
